आज के समय में, जब भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद का ख्याल रखना अक्सर पीछे छूट जाता है, रीमा गुप्ता की कहानी हम सभी के लिए एक प्रेरणा बन सकती है।
38 वर्षीय रीमा, जो कि एक गृहिणी और दो बच्चों की मां हैं, हर दिन परिवार की देखभाल में व्यस्त रहती थीं। खुद की सेहत के लिए समय निकालना उनके लिए मुश्किल था। उनकी यही अनदेखी धीरे-धीरे उनकी सेहत पर भारी पड़ने लगी। वजन बढ़ना, थकान, और तनाव उनके जीवन का हिस्सा बन गए।
डॉक्टर की चेतावनी और बदलाव का संकल्प
एक दिन, नियमित चेकअप के दौरान डॉक्टर ने उन्हें गंभीरता से बताया कि उनकी जीवनशैली की वजह से उन्हें उच्च रक्तचाप, थायरॉइड, और प्री-डायबिटीज का खतरा है। इस खबर ने रीमा को अंदर तक झकझोर दिया।उन्होंने ठान लिया कि अब वह अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगी। उनका लक्ष्य सिर्फ वजन कम करना नहीं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारना था।
छोटे-छोटे कदमों से शुरूआत
रीमा ने सबसे पहले सुबह के 10 मिनट अपने लिए निकालने का फैसला किया। उन्होंने हल्के योग और गहरी सांसों के अभ्यास से शुरुआत की। धीरे-धीरे यह समय बढ़कर 30 मिनट हो गया।उनके खाने की आदतों में भी बदलाव आया। तले हुए और प्रोसेस्ड खाने को छोड़कर उन्होंने ताजे फल, सब्जियां, और घर का बना पोषक खाना अपनाया। चीनी की जगह शहद और हर्बल टी को अपनी दिनचर्या में शामिल किया।
समय और धैर्य ने लाया बदलाव
शुरुआती दिनों में, उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में कठिनाई महसूस हुई। लेकिन रीमा ने हार नहीं मानी। हर छोटे-छोटे बदलाव के साथ, उन्होंने अपने शरीर और मन में सुधार महसूस किया।एक साल के अंदर, रीमा ने 20 किलो वजन कम किया। उनका रक्तचाप सामान्य हो गया, थायरॉइड नियंत्रित हो गया, और उनकी ऊर्जा पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई।
समाज के लिए बनीं प्रेरणा
आज, रीमा न केवल खुद को स्वस्थ रखती हैं, बल्कि अपने समाज की महिलाओं को भी प्रेरित करती हैं। उन्होंने एक स्वास्थ्य जागरूकता समूह बनाया है, जहां वह सरल और उपयोगी टिप्स साझा करती हैं। उनके अनुभव ने कई महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति जागरूक किया है।रीमा का संदेश:
शुरुआत चाहे छोटी हो, लेकिन लगातार प्रयास ही आपको सफलता दिलाते हैं। अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें क्योंकि आप अपने परिवार और खुद के लिए सबसे अधिक मायने रखते हैं।रीमा की यह कहानी हर किसी को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने की प्रेरणा देती है। याद रखें, पहला कदम छोटा हो सकता है, लेकिन उसका असर जीवनभर रहता है।
आज ही अपना पहला कदम उठाएं और स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें।